How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
How Much You Need To Expect You'll Pay For A Good वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की सत गुरु सैट कबीर
शनिवार के दिन हनुमानजी को सिन्दूर का चोला चढ़ाकर विधिपूर्वक पूजा करके प्रतिदिन एक माला के क्रम से इक्कीस दिन तक मन्त्र जपें। फिर प्रयोग करने के लिए मन्त्रजप करते हुए चौराहे की मिट्टी का ललाट पर तिलक लगाकर जिस भी व्यत्तिः के सामने जायेगा, वह उसकी आज्ञा का पालन अवश्य करेगा।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अमुक ग्राह्यार्थे सर्व जगत् हितकारिणी सर्वदुःख निवारिणी सर्व व्याधि नाशिनी नमो नमः स्वाहा॥
ॐ मोहिनी मोहिनी कहाँ चली, हरखु राई कां मचली
ॐ नमो आदेश गुरु का। कामरु देश कामाख्या देवी। जहाँ बसे इस्माईल जोगी ने दीन्हीं लौंग। एक लौंग राती माती। दूजी लौंग दिखावे राती। तीजी लौंग रहे ठहराया। चौथी लौंग भिलावे आया नहीं आवे तो कुआं बावड़ी घाट फिरे। रंडी कुआं बावड़ी पर छिटक मरे। ॐ नमो आदेश गुरु का। मेरी भक्ति गुरु की शक्ति। फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
कामनां देहिमे नित्यं, कामेश्वरी नमोस्तुते ।
तेल मोहन मंत्र साधना करने के दौरान जब तक आपका कार्य पूरा न हो पवित्र बन रहे.
मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना क्या ये कारगर उपाय है ?
यह मंत्र धन और संपत्ति को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप धन, संपत्ति, और आर्थिक सफलता की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।
अगर आप मोहिनी वशीकरण read more का प्रयोग कर रहे है तो आपको ये बात अच्छे से ध्यान रखनी चाहिए की साधना के दौरान आपको गलत विचार मन में नहीं लाने है.
कभी भी अमावस, ग्रहण या किसी भी बुरे महूर्त के समय नहीं मिलना चाहिए.
ॐ नमो आकाश की योगिनी पातालनाग, उठि हनुमंत जी ‘फलानी’ को लाग, परै न निद्रा बैठे न सुख, जोबो देखे न मेरो मुख, तब तक नहिं परै हिये में सुख, लाऊ जो वाकू पियो, मोहि दीखै ठण्डी हो जाय, आवत न काहू दिखाय, आउ आउ मेरे आगे लाउ, न लावै तो गुरु गौरखनाथ की आन।
कामाख्या मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाले साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मंत्र सिद्धि के नियम कठिन हैं इसलिए इसे मजाक में लेना खतरनाक है। इस दिशा में तभी आगे बढ़ना चाहिए जब आत्मविश्वास हो और उपलब्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो। साधना के आरंभ में विनियोग, करणे, अंग न्यास करें। इसके बाद ध्यान के लिए अपनी चेतना को देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर केंद्रित करें-
पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।